जेएल न्यूज़ / JL NEWS
अनूपगढ़(राजस्थान) / 22-10-2022
(रिपोर्ट- सुखप्रीत सिंह)
अनूपगढ़ का राजकीय हॉस्पिटल हुआ बीमार, 4 सालों से लगातार राजकीय हॉस्पिटल के कमरों की छत का गिर रहा है प्लास्ट, नर्सिंग कर्मी मौत के डर के साये में काम कर रहे है, उच्च अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं,राजकीय चिकित्सालय आम जनता,गरीब परिवारों के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत बड़ी सहायता उपलब्ध करवाने की सुविधा है,पूरे राज्य में चिकित्सा के क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों को बहुत बड़ी उम्मीद इन अस्पतालों से होती है। लेकिन अनूपगढ़ का राजकीय चिकित्सालय लोगों की सुविधा कम बल्कि की दुविधा अधिक बना हुआ है,क्योंकि इस अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ संसाधनों की कमी तो है ही बल्कि अस्पताल में काम करने वाले चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों,मरीजो सहित अन्य स्टाफ के लिए अस्पताल के अधिकतर कमरे खतरे का कारण बने हुए है। क्योंकि पिछले 4 सालों में इन कमरों की छतों का प्लास्टर बार-बार टूट कर नीचे गिर रहा है। कई बार चिकित्सा कर्मी और नर्सिंग कर्मी भी घायल होते-होते बचे हैं। वर्तमान में हालात यह है कि नर्सिंग स्टाफ का चिकित्सक डर के साए में काम करते नजर आ रहे हैं।आज भी अस्पताल की लेबोरेटरी की छत का प्लास्टर प्लास्टिक टूटकर गिर गया।गनीमत यह रही कि भारी वजन का यह मलबा जब गिरा तो उसी समय नर्सिंग कर्मी वहां से दूसरे स्थान पर गया था। ऐसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।लेकिन सवाल यह उठता है कि वर्ष 2019 से लेकर अब तक पिछले साल 4 सालों में चिकित्सालय प्रभारी द्वारा इस मामले में उच्च अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट भेजने के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के द्वारा नहीं की गई। जिससे यह साबित होता है कि चिकित्सा विभाग में बैठे अधिकारियों को ना तो स्थानीय चिकित्सकों की, न ही नर्सिंग कर्मियों की और ना ही अस्पताल में आने वाले मरीजों की जान की परवाह है। आज इस संबंध में सीएमएचओ मनमोहन गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बाहर होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ दिया और कार्यवाहक सीएमएचओ मुकेश मेहता से बात करने के लिए कहा। जिस पर कार्यवाहक सीएमएचओ से दूरभाष पर बात की गई तो वह भी इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट बनाकर भेजी हुई है।ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब चिकित्सा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी बार-बार इस मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं तो राज्य के चिकित्सा मंत्री चिकित्सा सचिव एवं मुख्यमंत्री सहित इलाके के जनप्रतिनिधि क्या इस ओर ध्यान देंगे?
अनूपगढ़ से सुखप्रीत सिंह की रिपोर्ट